भावेश ओर रागिनी का प्यार - वैरी सैड लव स्टोरी इन हिंदी
हैलो दोस्तों आज हम sad love story यानि pyar ki dard bhari kahani पढने वाले है जिसको पढने के बाद आपका भी दिल पिगल जायेगा मुझे पूरी उम्मीद है आपने इससे पहले इतनी रोमांटिक कहानी और वैरी सैड लव स्टोरी इन हिंदी को नहीं पढ़ा होगा तो इसे पूरा जरुर पढ़े
VERY SAD LOVE STORY IN HINDI
रागिनी का आज कॉलेज का पहला दिन था उसने फिलहाल ही 12वीं पास करके कॉलेज में प्रवेश लिया था वह कॉलेज में प्रवेश को लेकर बेहद खुश थी वह खुश इसलिए भी थी कि वह सोच रही थी नए दोस्त बनेंगे नया माहौल होगा और कुछ नया देखने को मिलेगा क्योंकि रागिनी अब अपने गांव से बाहर पढ़ने जा रही थी रागिनी कॉलेज में प्रवेश के लिए कॉलेज जाती है जैसे वह कॉलेज में प्रवेश करती हैं उसकी मुलाकात एक भावेश नाम के लड़के से होती है जो दिखने में राजकुमार की तरह गोरा लंबा कद और बेहद ही खूबसूरत होता है
वह भावेश को देखकर मानो जैसे वह कहीं खो ही गई हो पर दुसरी तरफ भावेश ने रागिनी को नहीं देखा और excuse me please कहकर साइड से निकल गया रागिनी तो उसे गुरे ही जा रही थी तभी अचानक रागिनी को एक हाथ जोर से पकड़ लेता है और थोड़ी हशी की के आवाज में बोली क्या देख रही हो तुम तो तभी रागिनी हडबडाहट में कहती है कुछ नहीं
तभी दूसरी लड़की कहती हैं इस कॉलेज की हर लड़की तुम्हारी तरह ही सभी लड़किया उस पर लट्टू है पर वह है कि किसी को भाव भी नहीं देता है ना ही किसी को घास डालता है यह सपने देखना छोड़ दो फिर यह कह कर हसने लगती है |
वह लड़की रागिनी की तरफ हाथ आगे बढ़ाते हुए बोली नया एडमिशन तो रागिनी कहती है हां तभी सामने वाली लड़की कहती है तुम्हारा नाम क्या है तो रागिनी जवाब देती है मेरा नाम रागिनी है और तुम्हारा तो सामने से लड़की कहती हैं मेरा नाम पूजा है और मैं Bsc second year मैं हूं तो तभी ही रागिनी कहती है तो तुम तो मेरी सीनियर हुई और दोनों में दोस्ती हो जाती है
फिर क्या था दोनों बातें करने लग जाती हैं तभी पूजा कहती है मेरी क्लास का समय हो गया है तो मैं फिलहाल जा रही हूं बाद में मिलते हैं और दोनों अपनी अपनी क्लास की ओर चले जाते हैं रागिनी अब भावेश को मन ही मन चाहने लगी थी college में जब भी अति कही न कही उससे मिलने के लिए सोचती रहती थी की कहा वह राजकुमार जैसा और कहां में एक गाँव की छोरी वह तो मुझसे बात भी नहीं करेगा इस तरह 3 महीने बीत गए
एक दिन कॉलेज में एक प्रतियोगिता रखी जाती है और रागिनी को गाने का बहुत शोक था और उसकी आवाज भी बहुत अच्छी थी तो उसने भी इस कॉलेज प्रतियोगिता में भाग ले लिया और उस प्रतियोगिता में भावेश भी था रागिनी की आवाज भावेश को बहुत पसंद आई और उसी कॉलेज प्रतियोगिता में सबसे सुन्दर गाइका का ख़िताब भी रागिनी को मिला जिससे रागिनी को कॉलेज का हर लड़का लड़की उसको पहचान ने लगे और उसी प्रतियोगिता के कारण भावेश का ध्यान रागिनी की और जाने लगा
रागिनी की आवाज उसकी खुबसूरती भावेश को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी 1 दिन कॉलेज की छुट्टी होने के बाद जोरों की बारिश हो रही थी रागिनी रोज की तरह अपनी हॉस्टल जाने के लिए बस स्टॉप पर खड़ी थी रागिनी अपनी किताबों को एक तरफ रख कर आसमान से गिर रही बारिश की बूंदों से एक छोटी बच्ची की तरह खेल रही थी
भावेश भी रोज की तरह कार लेकर कॉलेज से अपने घर जा रहा था अचानक भावेश की नजर रागिनी की ओर पडती है वह तुरंत कार को रोक लेता है और रागिनी को बारिश की बूंदों से खेलते हुए देखने लगता है और मन ही मन मुस्कुराता है कभी बारिश थोड़ी ज्यादा होने लग जाती है तो वह कार को बस स्टॉप के साइड में खड़ा करके रागिनी के पास जाकर कहता है हेलो रागिनी मेरा नाम भावेश है तुम मुझे नहीं पहचानती पर मैं तुम्हें पहचानता हूं क्योंकि कॉलेज प्रोग्राम में मैंने तुम्हें गाते हुए देखा और सुना था तुम काफी अच्छा गा लेती हो रागिनी भी भावेश को पहचानती है पर वह चुप रहती हैं
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क्योंकि रागिनी को यह लगी ही नहीं रहा था कि भावेश उससे बात भी करेगा रागिनी मन ही मन यह सोच रही है कि वह हकीकत ना होकर एक सपना है तबी भावेश कहता है आपको कहां जाना है मैं आपको छोड़ दूंगा क्योंकि मुझको नहीं लगता कि फिलहाल कोई बस भी आएगी तभी रागिनी कहती है नहीं नहीं अभी थोड़ी देर में मेरी बस आ जाएगी मैं रोज उसी बस जाती हूं आज थोड़ी बारिश है तो वह लेट हो सकती हैं तभी भावेश थोड़ी जिद करता है और कहता है शायद आप मुझसे बात नहीं करना चाहती लगता है और भावेश हंसने लगते हैं तो रागिनी कहती हैं मैं अपने हॉस्टल जा रही हूं भावेश कहता है मेरा घर भी उसी तरह है तो मैं आपको छोड़ते हुए निकल जाऊंगा
और दोनों कार में बैठ जाता है रागिनी को उस पल का विश्वास भी नहीं होता है उसे तो मानो जैसे पंख लग गए हो इतनी बारिश और बारिश के साथ ही उसके साथ भावेश तू चुपचाप भावेश की बातों को सुनती ही जा रही थी बस उसके मन में तो यही था कि बस अब यह वक्त अब रुक ही जाये बातों बातों में रागिनी का हॉस्टल किसे आ गया उसे पता ही नहीं चला
रागिनी कार से नीचे उतरती है और भावेश को धन्यवाद करती है और भावेश को बाय बोलती हुई हॉस्टल में चली जाती हैं हॉस्टल की लड़कियां भावेश और रागिनी को साथ में देखकर रागिनी को बहुत चिडाती है वह सभी लड़कियां उसकी हॉस्टल की दोस्त थी वह लड़कियां कहती हैं क्या बात है रागिनी आज तो हमारी कॉलेज के सबसे बड़े सुंदर लड़के के साथ बारिश में आ रही हो यह कहकर हस्ती है
तो रागिनी कहती कहती है ऐसी कोई बात नहीं है मैं बस स्टॉप पर खड़ी थी और वह वहां से गुजर रहा था तो मुझे यहां पर रखते हुए निकल गया ऐसी कोई बात नहीं है और रागिनी को थोड़ी शर्म आ जाती है रागिनी तो मन ही मन मानो फुले ना समा रही थी उसके मन में तो मानो लड्डू फूट रहे थे
इधर भावेश भी रागिनी का गाया हुआ गाना सुनते हुए जा रहा था क्योंकि भावेश ने अपने मोबाइल में रागिनी का गाया हुआ वह गाना रिकॉर्ड कर लिया था तो बस वह उस गाने को बार-बार सुनता ही जा रहा था अब रागिनी और भावेश का रोज का हो गया था रोज रागिनी को भावेश हॉस्टल से लाता और ले जाता रागिनी और भावेश की नजरें तो इजहार कर चुकी थी बस अब दोनों का इकरार करना बाकि था |
रागिनी का आज आखरी पेपर था इस पेपर को देने के बाद अब वह अपने गाँव जाने वाली थी रागिनी ने गाँव जाने की बात भावेश से की थी जिसके कारण वह सही से पेपर भी नहीं दे पा रहा था उसका मन सुबह से बैचेन था की आज तो मै अपनी मन की बात रागिनी से बोल ही दूंगा आज तो रागिनी को I Love You कह ही दूंगा
भावेश रागिनी का पेपर ख़त्म होंने का इंतजार कर रहा था की कब उसका पेपर ख़त्म होगा और कब मे अपने मन की बात उससे कह दू दूसरी ओर उसे यह चिंता भी सता रही थी की कही वह उसे मना न कर दे ओर इसी चिंता में खोया कॉलेज के बाहर चाय की केन्टीन पर उसका इन्तजार करता है |
थोड़ी देर बाद रागिनी का पेपर ख़त्म हो जाता है और वह कॉलेज से बहार भी आ जाती है रागिनी जैसे भावेश को देखती है वह बहुत खुश हो जाती है पर वह अपनी ख़ुशी अपने तक ही रखती है और भावेश के पास जाती है दूसरी और भावेश भी उसकी तरफ आ रहा था दोनों कॉलेज के गेट पर मिलते है |
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भावेश रागिनी से कहता है क्या तुम आज रुक सकती हो, तभी रागिनी कहती है नहीं मैंने माँ से पहले ही आज आने की बात की है और वह चिलायेगी मुझ पर तभी भावेश कहता है प्लीज यार आज रुक जाओ मुझे कुछ कहना है तुमसे और में तुम्हे कही ले जाना चाहता हु तो आज तुम रुक जाओ न और फिर क्या था रागिनी एक लम्बी साँस लेती है और कहती है ठिल है में माँ को फोन करके पूछती हु अगर वह हां कह देगी तो में तुम्हे फोन कर दूंगी अभी में अपना सामान पेक करने गर्ल होस्टल जा रही हु
अब रागिनी को भावेश हॉस्टल छोड़ देता है पर अभी भावेश के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही थी वह सोच रहा था अगर रागिनी की मां ने उसे मना कर दिया तो फिर क्या होगा और यह सोचता हुआ वह अपने घर की ओर चले जाता है
दूसरी और रागिनी अपनी मां से बात करने के लिए हॉस्टल के मोबाइल से फोन करती है और कहते हैं हेलो मां आज मेरी सहेलियां मुझे यहां पर रुकने को कह रही है तो क्या कल मैं आ जाऊं अगर तुम कहो तो मैं आज यहां पर रुक जाती हूं इस पर मां ने तुरंत रागिनी को जवाब दिया ठीक है बेटा तुम रुक सकती हो पर तुम अपने पिताजी की आदत तो जानती ही हो उन्हें भी पता है कि आज तुम्हारा लास्ट पेपर था तो वह भी मुझ पर ही चलाएंगे पर ठीक है मैं उनसे बात कर लूंगी तुम रुक सकती हो और इसके बाद रागिनी फोन काट देती है
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वह तुरंत भावेश को फोन लगाती है और कहती हैं मां ने मुझे आज के लिए हां कह दिया है तो तुम मुझे शाम को 5:00 बजे मिल सकते हो इसके बाद भावेश शाम के 5:00 बजे रागिनी को लेने आता है और रागिनी कहती है चलो कहां जाना है रागिनी भावेश की कार में बैठ जाती है और वह दोनों रागिनी कि पसंद की कई चीजें खाते हैं जैसे पानी पुरी कुल्फी जलेबी और साथ ही वह वहां पर चढ़कर से बना गन्ने का रस भी पीते हैं तभी भावेश रागिनी को गाना गाने के लिए कहता है
फिर दोनों गुनगुनाने लगते हैं इसी बीच 3 घंटे का समय कैसे निकल जाता है रागनी को पता ही नहीं चलता वह एक नदी के किनारे पहुंचाते हैं वहां पर पहुंचते-पहुंचते काफी शाम हो जाती है सूरज भी ढल चुका होता है रागिनी इससे पहले इतनी शाम तक कभी भी घर से बाहर नहीं रही थी और ऐसा नजारा कभी भी उसने नहीं देखा था वह मन ही मन बहुत खुश थी
रागिनी और नदी किनारे पहुंचते हैं रागिनी रेत पर एक बड़ा सा दिल बना देती है जिसमें भावेश अपना और रागिनी का नाम लिख लेता है जिससे रागिनी भी समझ जाती है इसके बाद भावेश अपनी मन की बात कहने के लिए घुटनों के बल नीचे बैठ जाता है और रागिनी को I love you कहता है और रागिनी से कहता है क्या तुम मेरी लाइफ पार्टनर बनोगी रागिनी पहले से ही भावेश को काफी पसंद करती थी तो उसने भी हां कह दी और दोनों ने अपनी-अपनी प्यार की बातें एक दूसरे को बताइ
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इसी बीच नदी किनारे बनी होटल में लाइट जल जाती है यह देखकर रागिनी बेहद खुश हो जाती है क्योंकि इसका इंतजाम भावेश ने पहले से ही करके रखा था भावेश रागिनी से कहता है यह सारा इंतजाम मैंने तुम्हारे लिए करके रखा है मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं क्या तुम मुझसे इतना प्यार करती हो तभी रागिनी कहती है हां मैं भी तुमसे इतना ही प्यार करती हूं जितना तुम मुझसे करते हो और दोनों होटल की एक टेबल पर बैठे-बैठे बातें करने लग जाते हैं
तभी भावेश को रागिनी कहती हैं कि तुमने इतना सारा खर्चा कैसे किया तो तभी भावेश कहता है मेरे पापा इस शहर के दूसरे सबसे बड़े बिजनेसमैन हैं हमें पैसों की कोई कमी नहीं है मुझे कमी थी तो बस तुम्हारी रागिनी यह सुनकर सोच में पड़ जाती है तभी भावेश कहता है अरे मेरी जान कहां खो गई और रागिनी अपनी सोच से बाहर आती है और फिर दोनों आकाश के तारों को निहारने लगते हैं
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दोनों की बातें करते-करते ही सुबह हो जाती हैं उनको पता ही नहीं चलता | अब रागिनी का घर जाने का समय हो जाता है भावेश कहता है तुम रुक नहीं सकती क्या तभी रागिनी कहती है अब मां और पिताजी मुझे यहां पर रुकने नहीं देंगे मुझको जाना ही पड़ेगा 15 से 20 दिन का ही तो बात है जैसे ही छुट्टियां खत्म होगी मैं आ जाऊंगी तुम चिंता क्यों करते हो अब रागिनी और भावेश की आंखों में हल्के से आंसू झलक रहे थे मानो जैसे उन दोनों में जन्मो जन्मो का रिश्ता है
भावेश कहता है तुम गांव तो जा रही हो पर मुझे फोन करती रहना और रागिनी हां कह देती है इसके बाद जैसे ही अपनी कॉलेज पूरी हो जाएगी मैं अपनी शादी अपने मां और पिताजी से कर दूंगी तुम भी यह बाद अपने माता-पिता से कर देना रागिनी कहती है भावेश रागिनी को बस में बिठा कर वापस घर की और चला जाता है
रागिनी बस में बैठी तो है पर उसका मन तो अभी भी भावेश के बारे में ही सोच रहा है वह सोच रही है कि भावेश के माता पिता क्या उसे स्वीकार करेंगे कहां मैं गांव की लड़की और कहां भावेश शहर का लड़का कहां हमारी बिरादरी कहां उनकी बिरादरी यही चिंता करती है और सोचते सोचते ही उसका गांव आ जाता है उसका छोटा भाई राजू उसका पहले से ही बस स्टॉप पर इंतजार कर रहा होता है इसके बाद दोनों अपने घर चले जाते हैं
यह 15 से 20 दिन रागिनी और भावेश को मानो महीनों से कम नहीं लग रही थी रागिनी और भावेश अपने माता पिता और अपने परिवार के सो जाने के बाद घंटों फोन पर बातें करते और अपने आने वाले भविष्य के सपने सजाते ऐसे ही बातें करते करते किसी कॉलेज की छुट्टियों के दिन निकल गए उन्हें पता ही नहीं चला रागिनी वापस शहर आ जाती हैं इसके बाद दोनों का मिलना जुलना वापस शुरू हो जाता है इसी तरह कॉलेज के दिन भी खत्म हो जाते हैं
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अब रागिनी का गांव जाने का समय आ जाता है भावेश ने रागिनी को कहा कि मैं बहुत जल्दी पिताजी से बात करूंगा हमारी रिश्ते की और हमारी शादी की बात को लेकर मैं और मेरा पूरा परिवार तुम्हारे गांव आएंगे तभी रागिनी भी कहती है मैं भी गांव जाकर मां और बाबू जी से बात करूंगी तुम भी अपने माता-पिता से बात करके रखना इसके बाद वह वापस अपने गांव चली जाती है
भावेश ने अपने पिताजी से अपने प्यार की सारी बातें और रागिनी के साथ शादी की बात अपने पिताजी से की तो उसके पिताजी भावेश पर भड़क गए और कहां कहां वह गांव के लोग और कहां हम शहर के लोग ना ही वह हमारी बिरादरी की नाही वह हमारी हैसियत के दूसरी और रागिनी भी अपने मां और बाबू जी से भावेश की बात करती है तो रागिनी के पिताजी भी उस पर वह भड़क जाते हैं क्या भरोसा और शहर वालों का ना ही उनकी जात हमारी जात से मिलती है नाही हम उन्हें जानते हैं इस गांव में मेरी इज्जत है मैं तुम्हारी शादी एक गांव वाले लड़के से ही कर आऊंगा ना की किसी शहर के लड़के से तो तभी रागिनी कहती है पिताजी मां एक बार आप भावेश से और उसके परिवार से मिल तो लीजिये इसके बाद आप जो कहेंगे में वो करुँगी इसके बाद भी रागिनी के पिता जी अपनी बात पर अड़े हुए थे
ऐसे ही 3 महीने बीत की रागिनी रोज पिताजी से बात करती आखिरकार बड़ी मिन्नत और प्रयत्न के बाद वह भावेश के परिवार से मिलने के लिए राजी हो गए दूसरी और भावेश के परिवार का भी यही हाल था भावेश ने भी अपनी जितनी हो सके उतनी कोशिश की और आखिरकार अपने परिवार को रागिनी के परिवार से मिलाने के लिए राजी कर लिया
आखिरकार भावेश अपने पिताजी और मां के साथ रागिनी के गांव आया | दोनों प्रेमी जोड़े एक दूसरे से मिलकर बेहद खुश थे अब उनको शादी के बंधन में बंधने से कोई नहीं रोक सकता था दोनों के परिवार आपस में शादी को लेकर बात करते हैं और दोनों ही परिवार शादी के लिए हां कर देते हैं तभी रागिनी के पिताजी कहते हैं चलो आखिर बात तो कर ही दिए तो लगे हाथ पंडित जी को बुलाकर शादी का मुहूर्त भी निकलवा देते हैं
दोनों परिवार मिलकर पंडित जी को बुलाते हैं अब दोनों की कुंडलियों को मिलाया जाता है पंडित जी गौर से दोनों कुंडलियों का मिलान करते हैं और थोड़ा विचार करने की बात पंडित जी कहते हैं अगर आप बुरा ना माने तो मैं एक बात बताना चाहता हूं यह शादी आप ना ही करें तो बेहतर होगा तभी रागिनी के पिताजी कहते हैं क्यों ऐसा क्या हुआ? पंडित जी बोलते हैं लड़की भावेश का मंगल बेहद भारी है इसकी शादी किसी मांगलिक से की जाए तो बेहतर होगा अगर ऐसा नहीं होगा तो लड़के भावेश का बेहद अहित होगा और हो सकता है उसकी जान मान का खतरा भी हो
प्रेम कहानियाँ हिंदी
तभी भावेश झट से बोल उठता है मैं इन सभी बेतुकी बातों को नहीं मानता हूं ऐसा कुछ भी नहीं होता है आप भी इस अंधविश्वास पर भरोसा मत कीजिए और फिर पंडित जी वहां से चले जाते हैं रागिनी के पिता जी बोलते हैं तुम इन बातों को नहीं मानते होंगे पर मैं इन बातों को मानता हूं और इन पर पूरा विश्वास करता हूं मैं अपनी बेटी की शादी तुमसे नहीं करवा सकता मुझे माफ कर देना
इसके बाद भावेश अपने पिताजी से कहता है पिताजी आप एक बार रागिनी के पिता जी से बात करिए ना उन्हें समझाइए कि ऐसी कोई बात नहीं है अंधविश्वास पर भरोसा मत कीजिए फिर भावेश के पिताजी भी रागिनी के पिता जी से बात करते हैं कि ऐसी कोई बात नहीं होती है यह सब पुरानी बातें हैं इन को भूल जाइए और इन दोनों प्रेमी जोड़ों को शादी के बंधन में बनने दीजिए पर रागिनी के पिता जी मना कर देते हैं
इसके बाद पूरा परिवार इसको लेकर बात करता है रागिनी भी कहती हैं कि पिताजी ऐसा कुछ नहीं होता है आखिर भविष्य किसने देखा अगर जो होना है तो हो ही जाएगा उसको कोई भी नहीं रोक सकता इसके बाद रागिनी के पिताजी भावेश की पिताजी से कहते हैं मुझे इस बात के लिए सोचने के लिए थोड़ा समय की जरूरत है तो मैं आपको सोच कर बताता हूं इसके बाद भावेश का परिवार वहां से चला जाता है
घर जाने के बाद भावेश की मां उसके पिताजी से कहती हैं मैं नहीं चाहती कि मेरा बेटा इस कम उम्र में इतनी बड़ी परेशानी में पड़े मैं अपने बेटे भावेश को नहीं खोना चाहती मुझे ऐसी शादी नहीं मंजूर जिसमें मेरा बेटा ही ना रहे आप एक बार भावेश को समझा दीजिए कि वह शादी को लेकर मना कर दे इसके बाद भावेश के पिताजी कहते हैं तुम्हारी बात तो सही है मगर अब इसको समझ आए तो समझाए कैसे और दोनों में कुछ बातें होने लगती हैं
दूसरी और रागिनी भी अपने पिताजी और मां से भावेश की कुंडली को लेकर बात करती हैं पर उसकी कोई नहीं सुनता है और वह कमरे में जाकर रोने लगती है तभी उसकी मां वहां पर आती है और कहती हैं देखो बेटा रागिनी मैं मानती हूं कि तुम दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते हो मगर सोचो अगर कल उठकर भावेश को कुछ हो जाता है तो क्या तुम यह सहन कर पाओगी और मैं कभी तुम्हें एक विधवा के रूप में नहीं देखना चाहती बाकी तो बेटा तुम एक पढ़ी-लिखी लड़की हो मैं और तुम्हें क्या समझाऊं इसके बाद पिताजी भी वहां पर आ जाते हैं और वह कहते हैं बेटा तू खुद भी सोच कर देख क्या तू अपने भावेश को कुछ होते हुए देख पाएगी उसके पिताजी उसके सर पर हाथ फेरते हुए
रागिनी यह सोचते ही घबरा जाती है और जोर जोर से रोने लगती है इसकी थोड़ी देर बाद भावेश का फोन आता है तो रागिनी भावेश को बोलती है कि वह उसे भूल जाए पंडित जी सही बोल रहे थे और मां और पिताजी ने भी यही कहा है अगर तुमको कुछ हो जाता है तो मैं तुम्हारे बगैर कभी जीवित नहीं रह सकती और इतना बड़ा सदमा भी मैं सहन नहीं कर सकती तो तुम मुझे भूल जाओ इसी में तुम्हारी भलाई है इसके बाद वह फोन को कट कर देती है
इसके बाद रागिनी को भावेश बहुत समझाता है पर रागिनी नहीं मानती हैं भावेश रागिनी से कहता है यह सब अंधविश्वास है ऐसा कुछ नहीं होगा अगर वह उसे शादी नहीं करेगी तो ही ऐसा होगा अगर उसकी शादी उससे हो जाएगी तो सब ठीक हो जाएगा पर उसका विश्वास रागिनी नहीं करती है बस उसके मन में तो भावेश को खो देने का डर था बस रागिनी के मन में एक ही सवाल आया जा रहा था कि वह उससे ना मिल पाए पर कम से कम वह जीवित तो रहेगा
इसके पश्चात क्या था रागिनी भावेश को कसम दे देती है कि अब वह उसे भूल जाए और इसके बाद वह कभी भी उसे फोन या कॉल ना करें और ना ही कभी उसके गांव आए भावेश यह सुनने के बाद अंदर से पूरा टूट जाता है दोनों एक दूसरे से काफी अलग हो चुके थे वह बेहद रोते ऐसे ही दिन निकलते रहे पर उनके जख्म अभी भी नहीं भरे थे
इसके बाद रागिनी की शादी उन्हीं के पास के गांव के एक लड़के के साथ करवा दी जिसका नाम पंकज था रागिनी ना चाहते हुए भी पंकज से शादी कर लेती है वह दिल से कभी भी उसे नहीं चाहती थी पर अपने परिवार की इज्जत बचाने के खातिर उसने यह शादी की थी
आज भी भावेश उसके दिल में था वह कभी भी पंकज को अपना नहीं मान पा रही थी धीरे-धीरे समय बिता गया 3 साल बाद रागिनी और पंकज का एक लड़का होता है पर उन्हें पता चलता है कि उस लड़के का मानसिक विकास सही तरीके से नहीं हुआ है वह मद बुद्धि है तो वह शहर के ही एक बड़े नामी अस्पताल में दवाई करवाने के लिए जाते हैं
पंकज को शहर के बारे में अधिक जानकारी नहीं थी तो रागिनी के पिताजी भी उसके साथ शहर चलते हैं रागिनी के पिताजी पंकज और रागिनी यह सब अस्पताल जाते हैं वहां काउंटर पर अपना नाम लिखवा लेते हैं और अपनी बारी का इंतजार करते हैं वो पास में ही रखी एक कुर्सी पर बैठ जाते हैं रागिनी का बेटा एक खिलौने से खेल रहा होता है उस खिलौने के साथ खेलते खेलते रागिनी का बेटा एक पास ही में कुर्सी पर बैठे हुए एक व्यक्ति के पास पहुंच जाता है रागिनी दौड़ती हुई अपने बेटे को लेने जाती है
पर तभी उसकी नजर उस व्यक्ति के ऊपर पड़ती है रागिनी तुरंत ही उस व्यक्ति को पहचान लेती है वह कोई और ना होकर भावेश था पर उस व्यक्ति ने अभी तक रागिनी को नहीं पहचाना ना ही वह कुछ बोल रहा था ना ही अपना हाथ हिला रहा था और ना ही उसके शरीर किसी भी प्रकार की हरकत कर रहा था भावेश के चेहरे पर किसी भी तरह का कोई भी भाव नहीं था वह बस इधर-उधर और कुछ न कुछ बड़बड़ आता ही रहता
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इतने में वहां पर भावेश के पिताजी आ जाते हैं वह रागिनी और रागिनी की पिताजी को पहचान लेते हैं और फूट-फूट कर रोने लगते हैं और कहते हैं कि काश अगर तुम्हारे पिताजी हमारी वह बात मान लेते तो आज यह यहां पर नहीं होता रागिनी के पिताजी भी यह बात सुनकर मन ही मन बहुत ही पछता रहे थे भावेश के पिताजी से रागिनी के पिता जी पूछते हैं आप यहां कैसे और क्यों तो वह जवाब देते हैं जिस दिन से आप ने मना किया उसके 2 महीने बाद ही भावेश का मानसिक संतुलन बिगड़ गया वह ना तो कुछ खाता और ना ही हमें पहचानता आज 3 साल से ज्यादा हो गया है वह किसी को भी नहीं पहचानता है बस अपनी दुनिया में खोया रहता है
तभी वहां पर पंकज आ जाता है और वह पूछता है कि यह कौन है और कैसे पहचानते हो तो रागिनी की पिताजी कहते हैंयह रागिनी का कॉलेज का एक पुराना दोस्त है आज इसकी मानसिक हालत कुछ ठीक नहीं है और अपनी बात को पलट देते हैं और वहां से चले जाते हैं इसके बाद वह घर चले जाते हैं
एक कमरे में रागिनी की पिताजी कुर्सी पर बैठे हुए होते हैं और रागिनी कहती है पिता जी आपने मेरी बात ना मान कर आपने मेरी ही नहीं भावेश की जिंदगी भी बर्बाद कर दी जो किस्मत में लिखा होता है वह होकर ही रहता है इसमें कुंडली कुछ भी नहीं कर सकती फिर वह रोने लगती है
दोस्तों आपको हमारे द्वारा लिखी गई यह sad love story कैसी लगी अगर आपको ऐसी ही रोमांटिक कपल लव स्टोरी या रोमांटिक प्रेम कहानी पसंद है तो हमें कमेन्ट करके बताये