दौसा जिला दर्शन : Dausa Jila Darshan Gk
नमस्कार सभी सभी मित्रो को राजस्थान जिला दर्शन के इस पार्ट में हम आज दौसा जिले ( Dausa Jila Darshan ) के बारे में जानने वाले है आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम dausa district की नदियां जिले के प्रमुख धार्मिक स्थल एवं मंदिर एवं जिले के प्रमुख महल और दुर्ग एवं किले के बारे में जानने वाले है अगर आप भी दौसा जिले की सम्पूर्ण जानकारी पाना चाहते है तो इसे अंत तक पढ़े .
Dausa Jila Darshan
यह जिला देवगिरी की पहाडीयों की तलहटियों पर बसा हुआ है इसे दुल्हेराय ( कच्छवाह वंश के संस्थापक ) के द्वारा ढूढाड क्षेत्र के बड गुर्जरों को हरा कर अपने कच्छवाह वंश की नीव रखी एवं अपने वंश की प्रारंभिक राजधानी भी दौसा को बनाया
यह क्षेत्र पहले जयपुर का भाग हुआ करता था पर 10 अप्रेल 1991 को इसे जयपुर जिले से अलग कर के नया जिला का दर्जा दिया गया यह जिला एक समय राजस्थान राज्य का सबसे छोटा जिला का ख़िताब लिए हुआ था पर 15 अगस्त 1992 को सवाई माधोपुर की एक तहसील लालसोट को इसमें समिलित कर दिया गया जिसके बाद इसके क्षेत्रफल बढ़ जाने के कारण अब यह राजस्थान का सबसे छोटा जिला नहीं है यह जिला जयपुर संभाग में आता है
दौसा जिले की महत्वपूर्ण जानकारी
हमारे राजस्थान के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री टिकाराम जी पालीवाल का जन्म भी दौसा जिले के महुआ गाँव में हुआ था
दौसा जिले का क्षेत्रफल - 3432 वर्ग किलोमीटर
दौसा जिले का परिवहन क्रमांक - RJ 29
दौसा जिले की विधानसभा सीटो की संख्या - 5
दौसा जिले की जनसंख्या - 16,34,409 ( 2011 की जनगणना के अनुसार )
जनसंख्या घनत्व - 476
जिले का लिंगानुपात - 905
दौसा जिले की भोगोलिक स्थिति
दौसा जिला राजस्थान के पूर्वी दिशा में स्थित है दौसा जिला 26°22’ से 27°50’ उतरीं अंक्षाश एवं 76°53’ से 78°16’ पूर्वी देशान्तर के बिच में स्थित है
दौसा जिले के उतर दिशा में अलवर जिले की सीमा लगती है व पूर्व दिशा में करोली जिला की सीमा लगती है एवं पश्चिम दिशा में जयपुर जिले की सीमा लगती है एवं दक्षिण में सवाई माधोपुर जिले की सीमा लगती है
दौसा जिले की प्रमुख नदिया एवं झीले
आपको बता दे की दौसा की प्रमुख मुख्यतः दो नदिया बहती है जिसमे पहली नदी मोरेल नदी है एवं दूसरी नदी बाण गंगा नदी है इसके आलावा Dausa district में हमें कई बांध व बावड़ी भी स्थित है पर हम परीक्षा की द्र्स्टी से सर्वाधिक पूछे जाने वाले प्रश्नों को घोर करते हुए पढेंगे |
कालाखोह या कालखो सागर बांध -
यह बांध Dausa district की 2 नदियो मेसे एक बानगंगा नदी पर बना हुआ है और यह इस जिले का सबसे बढ़ा बढ़ भी है
माधोसागर बांध जो गत कई परीक्षा में पूछा गया है की यह कहा स्थित है तो आपको बता दे की यह भी दौसा जिले में स्थित है और इसी के साथ दौसा जिले में झिलमिल बांध एवं चिरमिरी बांध भी दौसा जिले में ही स्थित है
आभानेर की चाँद बावड़ी
इस चाँद बावड़ी का निर्माण मिहिर भोज के द्वारा 9वी शताब्दी में करवाया गया था इस बावड़ी में लगभग भूल भुलेया की तरह लगभग 3500 सीढियो का अनुमान है यह भी दौसा जिले की एक प्रसिद्ध बावड़ी है यह बावड़ी के निर्माण को लेकर यह भी कहा जाता है की इसका निर्माण 8वी शताब्दी में किया गया था यह चाँद बावड़ी दौसा जिले के बांदी कुई नामक तहसील में स्थित है यह चाँद बावड़ी विश्व भरम में प्रसिद्द बावड़ी है
दौसा के प्रमुख दुर्ग एवं महल
दौसा का किला -
इस किले की आकृति की बात करे तो यह एक सूप के समान बना हुआ है और यह देवगिरी नमक पर यह किला बना हुआ है और इस किले का निर्माण की बात करे तो यह बड गुर्जरों के द्वारा किया गया था एवं यह दुर्ग एक गिरी प्रकार का दुर्ग है
इसी दौसा के किले में बैजनाथ महादेव का मंदिर एवं राजाजी का कुआँ स्थित है इस दुर्ग में हाथीपोल एवं मोरी नामक दो दरवाजे है जिससे दौसा के दुर्ग में प्रवेश किया जाता है इसी दुर्ग में जयपुर के शासक सवाई प्रताप सिंह के द्वारा मराठो से संधि की थी इसी कारण दौसा का किला भी राजस्थान के प्रसिद्ध किलो मैसे एक है |
महाराणा सांगा की छतरी या चबूतरा
यह बसवा नामक जगह पर बना हुआ है
दौसा के प्रमुख मंदिर और धार्मिक स्थल
झांझीरामपुरा - यह एक गाँव का नाम है को भरतपुर के सीमा के निकट पर बसा हुआ है और इस गाँव में के मंदिर बना हुआ है यहाँ एक 121 शिवलिंग का मंदिर है जिसे श्री ग्यारह रूद्र महादेव के नाम से जाना जाता है साथ ही इसी मंदिर के जलाशय भाग में एक गोमुख बना हुआ है जीमे गर्मियों में ठंडा एवं सर्दियो में गर्म पानी बहता रहता है
मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर
यह मंदिर बाल रूपी हनुमानजी का है यह मंदिर सिकंदरा तहसील एवं महुआ तहसील के मध्य आगरा रोड पर बना हुआ है यह मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर मुख्यतः भुत प्रेत एवं आत्मा आदि से छुटकारा पाने के लिए जाना जाता है |
पिपलाज माता का मंदिर
इस मंदिर में वैशाख सुदी के अष्टमी को विशाल मेला भरता है एवं यह मंदिर दौसा जिले के कस्बे में स्थित है |
हर्षल माता का मंदिर - आभानेरी
यह मंदिर आभानेरी में स्थित है इस मंदिर में एक देवी की प्रतिमा है जिनका नाम हरीसिध्दी है जिनको हर्षल माता के नाम से जाना जाता है हर्षल माता का मंदिर वैष्णव सम्प्रदाय से जुडा हुआ है एवं यह प्रतिहार कालीन महामारु शैली से निर्मित है इस मंदिर का निर्माण प्रतिहार वंश के राजा निकुंभ चाँद के द्वारा करवाया गया था
चतुर्भुजनाथ का मंदिर लालसोट
यह मंदिर रिवाली गाँव में स्थित है इस मंदिर के भगवान की पूजा आंतरी नाथ के नाम से की जाती है इसी लालसोट में बिजासण माता का मंदिर बना हुआ है
मुझे पूरी आशा है की आपको हमारे द्वारा दी गई दौसा जिले की जानकारी पसंद आई होगी हमारे द्वारा आपको दौसा जिला दर्शन / Dausa Jila Darshan ( राजस्थान जिला दर्शन ) जुडी सभी महत्वपूरण जानकारी दे दी है जिसमे आपको दौसा जिले के प्रमुख मंदिर दुर्ग किले एवं दौसा जिले के प्रमुख धार्मिक एवं दर्शनीय स्थल की यदि आपको कोई जानकारी कम लग रही है या आपको और जानकारी चाहिए तो हमें कमेन्ट करे साथ ही इस पोस्ट को शेयर करे क्युकी ज्ञान बाटने से बढ़ता है